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Friday 11 May 2018

Summer Masti

Summer Masti
Pool party, Ice- Cream party , Sensorial Development and more lots of fun
Fun will be not end wow......





Thursday 3 May 2018

Save trees save environments



Save Trees Save Environment Save Earth


Everyone is a stakeholder as we are all inhabitants of the one and only mother Earth, so please take care of it.

Today we are celebrating Nature Day


Tuesday 1 May 2018

बच्चो को जब क्रोध आये तो उसे कैसे सम्भाले-

छोटा बच्‍चा जब खुश होता है तब हंसता और खिलखिलाता है और पूरे घर को खुशियों से भर देता है। लेकिन जब वही बच्‍चा गुस्‍सा होता है तो रोने के अलावा अपने गुस्‍से को जाहिर करने के लिए दाँत भी काटता है। लेकिन कई बार यह बच्‍चे की आदत बन जाती है और जब वह किसी के पास जाता है तो दाँत काटता है। छोटे बच्‍चे अच्‍छे और बुरे में फर्क नहीं कर पाते हैं, इसीलिए तो वे कई बार गुस्‍से में नहीं बल्कि खुशी में दाँत काटते हैं। ऐसे मौके कई बार आएंगे जब आपका छोटा बच्चा गुस्सा दिखाएगा, और वह भी अलग-अलग तरीकों से।


कई बार तो वह आप पर हाथ भी उठा देगा। वैसे भी 2-4 साल के बच्चों में आमतौर पर थप्पड़ मारने या चुटकी काटने जैसी आदतें देखी जाती हैं, और इसमें कई बुराई भी नहीं। गुस्सा एक भावना है जिसके बारे में जब बच्चे को पता चलता है तो वो इसे दर्शाना शुरु कर देता है। आपके लिए उसकी मदद करना और गुस्से का सामना करना ज़रूरी है। अगर आप उनकी इस हरकत पर गुस्‍सा होंगे तो हो सकता है बार-बार वे ऐसा सिर्फ आपका ध्‍यान आकर्षित करने के लिए करें। इसलिए जब आपका बच्‍चा दाँत काटे तो गुस्‍सा न हों बल्कि शांत रहें। अगर घर में मेहमान आये हों तो इससे आपको शर्मिंदगी भी महसूस हो सकती है। इसलिए अगर आपका बच्‍चा दाँत काटता है या नोचता है तो उसकी आदत को छुड़ाना ही बेहतर है। लेकिन इसके लिए उसे डांटे और मारे नहीं बल्कि ऐसे तरीके अख्तियार करें जिससे आसानी से उसकी दाँत काटने की आदत छूट जाये। आइए हम आपको कुछ आसान और असरकारी नुस्‍खे बता रहे हैं।


1-अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा अधिक गुस्‍से में है और वह आपे से बाहर हो रहा है तो उसका ध्यान किसी और चीज की तरफ आकर्षित कीजिए। हालांकि इसके लिए आपको मशक्‍कत करनी पड़ सकती है, लेकिन इससे उसकी दाँत काटने की आदत छूट जायेगी।

2-जब बच्‍चे के दाँत निकलने लगते हैं तब अमूमन बच्‍चे दाँत काटते हैं। दाँत निकलने के दौरान दाँत काटना एक आम  समस्‍या है। ऐसे में बच्‍चों को एक टीथर दीजिए। इससे बच्‍चा उसमें उलझा रहेगा और दाँत नहीं काटेगा। हो सके तो टीथर को ठंडा करके दीजिए। दाँत निकलने के दौरान होने वाले दर्द से राहत के लिए ठंडा वॉश-क्‍लॉथ भी बच्‍चे को दे सकते हैं।

3- अगर माँ- बाप बच्‍चे की जरूरत को नहीं समझ पाते हैं तो वह अपनी तरफ ध्‍यान आकर्षित करने के लिए भी ऐसा कर सकता है। इसलिए ऐसे में इस बात को समझें कि यह वक्‍त बच्‍चे को प्रतिक्रिया देने का तरीका है। इसलिए आप बच्चे पर पूरा ध्यान रखें ताकि उन्हें ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ और न करना पड़े।

4- यदि बच्चा हिंसक हो रहा है तो उसका कारण जानने का प्रयास करें। उसे वक़्त दें, उसकी बात सुनें और उसकी सोच को भटकने न दें।

5- माता-पिता के झगड़े और पारिवारिक कलह भी इसके लिए जिम्मेदार है। टेलीविजन पर हिंसात्मक फिल्मों को देख कर बालमन हिंसक हो उठता है। सामाजिक हिंसा और उस से पड़ने वाला असर भी बच्चों को आक्रामक बनाता है। समाज में फैली जातिवाद की भावना, अमीरी- गरीबी का भेद, बच्चों की अंतरात्मा पर प्रभाव डालता है। दूसरों के द्वारा महत्त्वहीन समझा जाना उस में एक प्रकार की हीन भावना भर जाता है जो उस के हिंसक बनने का मूल कारण बनता है। वयस्कों में भी हिंसक प्रवृत्ति होने के मनोवैज्ञानिक कारण ही होते हैं फिर बच्चे तो बच्चे ही हैं। वे अपनी मानसिक कमजोरी के चलते ही हिंसक हो उठते हैं अपराध हो जाने के बाद ही वे समझ पाते हैं कि उन से कोई भयंकर भूल हो गई है।
 बच्चे के गुस्सा होने पर आपका गुस्सा दिखाना स्थिति को और गम्भीर बनाने का ही काम करेगा और बच्चे का व्यवहार और बिगड़ जाएगा। आप बच्चे से जैसे बर्ताव की उम्मीद करते हैं उसके सामने वैसा ही व्यवहार करें।

6-अगर आपके बच्चे को गुस्सा आ रहा है तो आप गुस्सा न करें। खुद को शांत और नियंत्रित रखें, फिर उसे शांत कराएं। उससे बात करें, उसका ध्यान भटकाएं या उसे पानी पिलाएं। लेकिन जिस भी तरीके से उसका ध्यान बंटें वह बांटने की कोशिश करें।

7-अगर आपका बच्चा इतना बड़ा है कि अच्छे और बुरे बर्ताव के बीच का अंतर समझ सके या वो जानता हो कि किसी पर हाथ उठाना खराब है, तो हम बताते हैं कि आपको क्या करना है। जब भी वह आपको थप्पड़ मारे तो उसकी आंखों में देखकर उसे मना करें। जिससे उसे समझ आ जाए कि उसका ऐसा व्यवहार ग़लत है और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

8-गुस्सा दबाया जा सकता है, लेकिन आपको बच्चे को गुस्से वाली स्थिति से बाहर निकलने में मदद करनी होगी। अगर हंसी-मज़ाक या गुदगुदी करने से उसका गुस्सा शांत होता है तो वह भी ट्राई कर सकती हैं।

9-ये टिप्स आपको बच्चे के गुस्से को उसकी आदत बनने से पहले काफी मददगार साबित हो सकती हैं। लेकिन, अगर आपके बच्चे को बहुत अधिक गुस्सा आता है तो उसे किसी साइकोलॉजिस्ट से मिलाएं।

10-सब से बड़ी बात है कि अभिभावक अपने बच्चों की हिंसात्मक प्रवृत्ति को छिपाते हैं या अपने स्तर पर ही समझा- बुझा कर मामला रफा- दफा करना चाहते हैं। वह यह मानने को कतई तैयार नहीं होते कि उन का बच्चा किसी मानसिक रोग से पीडि़त है और उसे मनोचिकित्सक की सलाह की जरूरत है जबकि बच्चों में पनपती इस हिंसा को रोकने के लिए उन्हें मनोचिकित्सा की जरूरत होती है। दंड देना या जलील करना उन्हें और ज्यादा आक्रामक बना जाता है।

11-केवल बुरे बर्ताव की बुराई करने से काम नहीं होगा, आपको अपने बच्चे की अच्छी आदतों और अच्छे बर्ताव की तारीफ करनी होगी। जब भी आपका बच्चा उसे गुस्सा दिलानेवाली बातों पर गुस्सा नहीं करता, तो उसकी तारीफ करना ना भूलें।

12- इसके साथ ही आपको उन लोगों के व्यवहार पर भी नज़र रखनी चाहिए, जिनके साथ आपका बच्चा बातें करता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि चीज़ें फेंकने की उसकी आदत उसने किसी और से सीखी हो? क्या आपके लिए अपने ही गुस्से पर काबू पाना मुश्किल है? ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनपर आपको ध्यान देना चाहिए।

7 से 11 वर्ष के बच्चो को कैसे सम्भाले-
गुस्सा आना एक समान भावना है।लेकिन अगर बच्चे का व्यवहार अनियंत्रित या आक्रामक हो जाता है तो गुस्सा एक समस्या बन सकता है।


आपका बच्चा इतना गुस्सा क्यों करता है?ऐसे कई कारण हैं जिनमें आपका बच्चा अन्य बच्चों से ज्यादा गुस्सा आता हो।



परिवार के सदस्यों का बहस करना या एक-दूसरे से गुस्सा होना।एक स्त्य है कि जैसा वातावरण वैसा आचरण मतलब कि हम जैसे माहोल मे रह्ते है उसका असर हमारे व्य्वहार मे नज़र आता है,आपका बच्चा परिवार मे सदस्यो को लड्ता झगड्ता देखेगा उसका सीधा असर उसके दिमाग पे होगा फिर या तो वो बहुत सहम जायेगा या फिर वो भी गुस्से वाला बन जायेगा ।

1-दोस्ती मे समस्याओं का होना: बच्चे अपने दोस्तो के बहुत करीब होते है,कभी कभी दोस्ती मे अन-बन के कारण उनका मूड खराब रहता और इस स्थिति मे बच्चे घर मे गुस्से मे या चिड्चीडे बने घुमते है।

2-किसी दुसरे द्वारा तंग किये जाना:बहुत बार ऐसा होता कि हम अपनी परेशानीयो मे इत्ना घिर जाते कि बच्चा किस मुसिबत मे है इसके बारे मे ध्यान नही जाता। शायद उसे कोइ तंग कर रहा हो क्लास मे ,सड्क पे या आस-पड़ोस मे और या फिर किसी और के द्वारा पर बच्चा बता नही रहा और जिसके कारण उसके स्वभाव मे अंतर दिखता है ।

 3-स्कूलवर्क या परीक्षा कि परेशानी: इस प्रतियोगिता कि दुनिया मे हर कोई चाहता की उसका बच्चा आगे निकले और हम इतना दबाव डालते कि 90% -99% तक लाना है। उन्हे प्रोत्साहित करने कि जगह उन्हे सुनाते रह्ते है की पढ़ नही रहे ,दिन भर खेलते है,फेल होंगे तो पता चलेगा इत्यादी इत्यादी ।

4-किसी चीज के बारे में बहुत तनावग्रस्त, चिंतित या भयभीत महसूस करना

5-यौवन के दौरान हार्मोन परिवर्तन : हर उम्र के बाद हार्मोन मे परिवर्तन आता और इसका असर शरीर और दिमाग दोनो पे पड़ता है क्युकि इसमे किशोर मस्तिष्कतनाव हार्मोन,सेक्सहार्मोन,और विकास हार्मोन को बाहर निकालते है जो कि मस्तिष्क के  विकास को प्रभावित करती है।

 कुछ सरल उपाय-
 एक साथ मिलकर गुस्से से निपटे

अपने बच्च के साथ टीम बनाऐ और गुस्से से निपटने मे सहायता करे, इस प्रकार आप उन्हे समझा सकते है की परेशानी उनमे नही है,गुस्से मे है।

अपने बच्चे को गुस्से के संकेतों को पहचाने मे उनकी सहायता करें।उदाहरण के लिए-

उनका दिल तेजी से धड़कना ,उनकी मांसपेशियों में तनाव ,आनाअपने दांत पिसना,अपनी मुट्ठी को बल पुर्वक बांधनाशांत होके घूरना

 बच्चे के लिए गुस्से के समाधान

गुस्से के कारण क्या- क्या परेशानियां हो रही है यह जानने के लिए मिलकर काम करें। गुस्से के प्रबंधन के लिए उपयोगी रणनीतियों के बारे में बात करें

1-आप अपने बच्चे को प्रोत्साहित कर सकते हैं10 तकगिनती गिने।,स्थिति से दूर चले जाना।,धीरे-धीरे और गहराई से साँस लें।

2-एक विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें।गुस्से को शांत करने के लिए एक निजी जगह पर जाएं।
सकारात्मक रहें।
सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है ।

3-अपने बच्चे के प्रयासों और अपने स्वयं के प्रयासों की प्रशंसा करें, चाहे कितना भी छोटा हो,इससे आपके बच्चे का विश्वास बढ़ेगा कि वे अपने गुस्से का प्रबंधन कर सकते हैं। इससे उन्हें महसूस होगा कि आप दोनों एक साथ सीख रहे हैं।

4-बच्चो के दोस्त बने दोस्त वो होता है जिससे आप अपने सारे दुख दर्द, खुशी,अपकी निजी बाते सब कछ बांट सकते हो क्युकि आपको पता है कि वो आपको समझेगा बिना डांते ,बिना आप पे गुस्सा किये । अगर माता -पिता अपने ब्च्चो क दोस्त कि तरह समझाये तो उसके गुस्से कि वजह जान पायेंगे।

क्या आप के बच्चे रात में देर तक जागते हैं?

 आज कल टीनएजर्स का देर रात तक मोबाइल चलाना ,लैपटॉप पर लगे रहना, घंटों टीवी पर प्रोग्राम देखना या फिर दोस्‍तों के साथ मोबाइल पर बातें करना इन...