पर्व है पुरुषार्थ का
दीप के दिव्यार्थ का
देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!
दीपावली का उत्सव आज बच्चो ने बङी धूमधाम से मनाया। रंगोली, थाली व दीया प्रतियोगिता में सहभागिता लेकर। मिठाई व फुलझड़ियों का आनंद लिया।
छोटे छोटे बच्चो का अद्भुत हुनर।
आप सभी को दीपों के पर्व की हार्दिक बधाई।
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दीप के दिव्यार्थ का
देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!
दीपावली का उत्सव आज बच्चो ने बङी धूमधाम से मनाया। रंगोली, थाली व दीया प्रतियोगिता में सहभागिता लेकर। मिठाई व फुलझड़ियों का आनंद लिया।
छोटे छोटे बच्चो का अद्भुत हुनर।
आप सभी को दीपों के पर्व की हार्दिक बधाई।
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